तुम्हारा यूं मिलना कोई इत्तेफाक ना था, दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ आजकल वो सड़क भी तनहा हो गई, जब से तुम ने वहां से गुज़रना बंद कर दिया। वक्त से उधार माँगी किस्तें चुका रहा हूँ, बहुत डराती हैं तुम्हारी यादें मुझे https://youtu.be/Lug0ffByUck